फिर से याद आए..खोए हैं जो अपनें
फिर से दोहराएं टूटे है जो सपनें
फिर से याद आए.....
रहते थे कभी साथ हंसी में खुशी में
छोडा हमको तन्हा गम की मायूसी में
अब क्यूं याद आए खोए है जो अपने
अब क्यूं दोहराएं टूटे है जो सपने
फिर से याद आए.....
साथ-2 होता था हंसना चहकना
बात -2 में तब था खुशी में बहकना
अब क्यूं भरमाए खोए है जो अपनें
अब क्यूं भरमाए टूटे है जो सपनें
फिर से याद आए......
बचपन के झूले साथ-2 झूले
साथ थे जहां तुम रंजो गम थे भूले
क्यूं ये याद आए खोए है जो अपने
अब क्यूं दोहराएं टूटे है जो सपने
फिर से याद आए......
हम है वहीं अब भी जहां तुमनें छोडा
रूक गई है राहें तुमनें जहां मुंह था मोडा
दरकनें लगी है सांसे खोए है जो अपनें
अब क्यूं दोहराएं टूटे है जो सपनें
फिर से याद आए......
तुम्हें हो मुबारक खुशी के खज़ानें.
हम हो गए बिछडे राही अनजाने
क्यूं ये दूर जाएं खोए है जो अपनें
अब क्यूं दोहराएं टूटे है जो सपनें
फिर से याद आएं.......
फिर से याद आए खोए है जो अपनें
फिर से दोहराएं टूटे है जो सपनें
फिर से याद आएं........................
फिर से दोहराएं टूटे है जो सपनें
फिर से याद आए.....
रहते थे कभी साथ हंसी में खुशी में
छोडा हमको तन्हा गम की मायूसी में
अब क्यूं याद आए खोए है जो अपने
अब क्यूं दोहराएं टूटे है जो सपने
फिर से याद आए.....
साथ-2 होता था हंसना चहकना
बात -2 में तब था खुशी में बहकना
अब क्यूं भरमाए खोए है जो अपनें
अब क्यूं भरमाए टूटे है जो सपनें
फिर से याद आए......
बचपन के झूले साथ-2 झूले
साथ थे जहां तुम रंजो गम थे भूले
क्यूं ये याद आए खोए है जो अपने
अब क्यूं दोहराएं टूटे है जो सपने
फिर से याद आए......
हम है वहीं अब भी जहां तुमनें छोडा
रूक गई है राहें तुमनें जहां मुंह था मोडा
दरकनें लगी है सांसे खोए है जो अपनें
अब क्यूं दोहराएं टूटे है जो सपनें
फिर से याद आए......
तुम्हें हो मुबारक खुशी के खज़ानें.
हम हो गए बिछडे राही अनजाने
क्यूं ये दूर जाएं खोए है जो अपनें
अब क्यूं दोहराएं टूटे है जो सपनें
फिर से याद आएं.......
फिर से याद आए खोए है जो अपनें
फिर से दोहराएं टूटे है जो सपनें
फिर से याद आएं........................
बहुत ही भावपूर्ण सुन्दर प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeleteआभार ।
ReplyDeletebahut sunder ............
ReplyDeletevisit plz
anandkriti007.blogspot.com
आभार ।
ReplyDeletedreamers
ReplyDelete